XFG आया तो कोरोना ने फिर दी दस्तक! अबकी बार नया वैरिएंट, नई टेंशन

  शकील अहमद सैफी
शकील अहमद सैफी

देश में एक बार फिर कोरोना वायरस की आहट तेज़ हो गई है। इस बार वायरस का नया रूप – XFG वैरिएंट – धीरे-धीरे पूरे भारत में अपने पाँव पसार रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 358 नए मामले सामने आए हैं और 6491 केस सक्रिय हो चुके हैं।

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163 मामलों ने बढ़ाई चिंता, महाराष्ट्र बना हॉटस्पॉट

इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के ताज़ा डेटा के अनुसार, अब तक देशभर में XFG वैरिएंट के 163 मामले सामने आ चुके हैं।
इनमें सबसे ज़्यादा:

  • महाराष्ट्र: 89

  • तमिलनाडु: 16

  • केरल: 15

  • गुजरात: 11

  • आंध्र प्रदेश, मप्र और बंगाल: 6-6

स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित राज्यों को अलर्ट जारी कर निगरानी बढ़ा दी है।

कैसे फैला XFG और क्यों है यह चिंताजनक?

विशेषज्ञों का मानना है कि XFG वैरिएंट कनाडा से उत्पन्न हुआ और अब भारत तक पहुँच गया है। यह LF.7 और LP.8.1.2 जैसे दो स्ट्रेन्स से मिलकर बना है, जिनमें चार खतरनाक म्यूटेशन (His445Arg, Asn487Asp, Gln493Glu, Thr572Ile) मौजूद हैं। इनकी वजह से यह वैरिएंट तेज़ी से लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है।

लक्षण वही, अंदाज़ नया – लेकिन क्या सतर्क हैं लोग?

इस वैरिएंट के लक्षण ओमिक्रॉन जैसे हैं:

  • बुखार

  • गले में खराश

  • सूखी खांसी

  • थकावट

विशेषज्ञ कहते हैं कि ये लक्षण हल्के ज़रूर हैं लेकिन बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग इस वैरिएंट से ज़्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

अस्पताल तैयार या फिर से अफरा-तफरी?

सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या हमारा हेल्थ सिस्टम तैयार है?
दिल्ली से लेकर देहरादून और लातूर से लेकर लखनऊ तक, सरकारी अस्पतालों की तैयारी सवालों के घेरे में है:

  • क्या पर्याप्त बेड हैं?

  • क्या RT-PCR टेस्टिंग की सुविधा सभी ज़िलों में उपलब्ध है?

  • क्या ऑक्सीजन स्टॉक इस बार संभाल लिया गया है?

पिछली लहरों में हुए अनुभवों के बाद जनता का भरोसा अब सरकारी आश्वासनों पर कम और खुद की सतर्कता पर ज़्यादा है।

विशेषज्ञों की दो टूक – मास्क पहनो, भीड़ से बचो

AIIMS और ICMR के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने साफ़ कहा है:

“भले ही मौतें कम हैं, लेकिन इस वायरस को हल्के में लेना एक बड़ी भूल होगी। सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।”

  • मास्क लगाना

  • हैंड सैनिटाइज़र का प्रयोग

  • लक्षण दिखें तो टेस्ट कराना
    ये तीन बातें अब फिर से ज़रूरी हो गई हैं।

सवाल सरकार से – कितनी बार करेंगे ‘तैयारी के दावे’?

सरकार बार-बार कहती है – “हम तैयार हैं।”
लेकिन क्या यह तैयारी कागज़ों तक सीमित है?

  • गाँवों तक वैक्सीन पहुँच चुकी है?

  • टेस्टिंग किट सभी PHC में है?

  • मेडिकल स्टाफ को रिफ्रेश ट्रेनिंग मिली है?

हर बार की तरह फिर वही डर है कि अगर मामलों में उछाल आया, तो क्या देश फिर से घुटनों पर आ जाएगा?

“XFG वैरिएंट भले ही जानलेवा नहीं है, लेकिन इसे हल्के में लेना बड़ी गलती होगी। अगर सरकार और सिस्टम ने फिर से लापरवाही की, तो संक्रमण की चेन को तोड़ना मुश्किल होगा। जनता को चाहिए कि न सिर्फ खुद सतर्क रहे, बल्कि सिस्टम से भी जवाबदेही मांगे।”

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